विधानसभा में पास हुए दो विधेयक
अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन और निरसन विधेयक 2019 पारित
लाइव टाइम्स ब्यूरो
शिमला : विधानसभा के मॉनसून सत्र में बुधवार को दो महत्वपूर्ण विधेयक पास हुए। इसमें अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन ) विधेयक2019 और निरसन विधेयक 2019 को, विपक्ष के विरोध के बावजूद पारित किया गया। इस दौरान विपक्ष ने निरसन विधेयक के माध्यम से 20 कानूनों को समाप्त करने पर आपत्ति जताई। सदन में 20 कानूनों को निरस्त करने को लेकर कानून मंत्री द्वारा लाए गए निरसन विधेयक का विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू, आशा कुमारी और राकेश सिंघा ने विरोध किया। इस पर सिंघा ने कहा कि प्रदेश सरकार,केंद्र के एक देश एक कानून के एजेंडे पर काम कर रही है। प्रदेश हित में बने 20 कानूनों को एक साथ निरस्त कर दिया है तो सरकार धारा 118 को खत्म करने में भी पीछे नहीं हटेगी।
इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाया कि मामले में जल्दबाज़ी क्यों की जा रही है, इस पर चर्चा की जाए। प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार को खुश करने के लिए कानूनों को निरस्त कर रही है। अग्निहोत्री ने कटाक्ष किया कि ये ऐसे ही है, जैसे पर्यटन निगम के 16 होटलों को बेचने का प्लान वेबसाइट पर चढ़ गया था।
दूसरी तरफ इसे लेकर कानून मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश के कुछ कानून बहुत पुराने हैं, जिनका कोई आधार नहीं है। इसलिए संशोधन विधेयक लाया गया है और इसे सदन ने मंजूरी भी दे दी है। कानून मंत्री ने कहा कि ये कोई ऐसे कानून नहीं, जिसका प्रदेश के लोगों पर इसका असर पड़ेगा।
उधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कहा कि विपक्ष इस विधेयक को लेकर अनावश्यक आपत्ति जता रहा है, जबकि विधेयकों को लेकर विपक्ष के सदस्यों की तरफ से कोई संशोधन या आपत्ति नहीं आई है। उनका कहना था कि यदि विधेयक को लेकर कोई आपत्ति है तो सदस्यों को लिखित में सदन को बताना चाहिए था।
लिहाजा विपक्ष के विरोध के बीच ही सरकार ने सर्वसम्मति से हिमाचल प्रदेश निरसन विधेयक 2019 को पारित कर दिया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने तीन विधेयकों, हिमाचल प्रदेश लोक सेवा गारंटी (संशोधन व विधिमान्यकरण) विधेयक, हिमाचल आकाशी रज्जुमार्ग संशोधन विधेयक और हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक अधिकरण को पुन स्थापित किया।