साहसिक शिविर के माध्यम से युवाओं को आपदा प्रबंधन की बारीकियां सिखाई जा रही हैं ताकि यह युवा अपने इलाके में आपदा के समय इन तकनीकों को अपनाकर दूसरों की जान बचा सकें। भारत सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा प्रायोजित इस साहसिक शिविर का आयोजन नेहरू युवा केंद्र मंडी के माध्यम से रिवालसर में किया जा रहा है। रिवालसर की पहाड़ियों और यहां की झीलों पर युवा तरह-तरह की साहसिक गतिविधियों में भाग लेकर आपदा की बारीकियों को सीख रहे हैं। नेहरू युवा केंद्र मंडी के समन्वयक रजत बर्णवाल ने बताया कि सात दिवसीय इस साहसिक शिविर में युवा विभिन्न गतिविधियों का भरपूर आनंद उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिविर में मंडी, कुल्लू, बिलासुपर और सोलन जिलों से आए युवाओं को साहसिक गतिविधियों के साथ-साथ आपदा प्रबंधन की बारीकियां भी सिखाई जा रही हैं। इसके साथ अन्य प्रकार की गतिविधियों का भी आयोजन किया जा रहा है ताकि युवा अपने भीतर छुपी प्रतिभा को उजागर कर सकें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल होने से युवाओं की ध्यान कुरीतियों से दूर रहता है।
शिविर के मुख्य प्रशिक्षक गुरदेव सिंह राणा ने बताया कि साहसिक गतिविधियों में युवाओं को पर्वतों पर रस्सियों के सहारे चढ़ना व उतरना, किसी को रेस्क्यू करना और रिवर क्रासिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन गतिविधियों को सीखकर युवा आपदा के समय दूसरों के मददगार बन सकते हैं। वहीं शिविर में आए युवा इस प्रकार की गतिविधियों को सीखकर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं और इसमें बढ़चढ़ कर भाग ले रहे हैं।