हिमाचल में नहीं चलेंगे टेलिस्कोपिक कार्टन
यूनिवर्सल कार्टन से बागवानों को होगा लाभ
शिमला : बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने स्पष्ट किया कि हिमाचल में अगले साल सेब सीजन में टेलिस्कोपिक कार्टन नहीं चलेंगे। सरकार यूनिवर्सल कार्टन को लागू करवाने की दिशा में काम कर रही है। उनका कहना था कि इससे आढ़ती व लदानी बागवानों को नहीं लूट पाएंगे। वर्तमान में 20 किलो सेब की पेटी में 28 से 34 किलो सेब भरा जा रहा है, जिससे बागवानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके चलते सरकार अगले विधानसभा सत्र में बिल ला सकती है।
बागवानी मंत्री बुधवार को विधानसभा सत्र में नियम 62 के तहत नरेंद्र बरागटा की ओर से लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। सदन में मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए थे, जिसमें बागवानों के साथ हो रही लूट को प्रमुखता से उठाया था। ठाकुर ने इसे लेकर विस्तार से बताया कि टेलिस्कोपिक कार्टन को ऊपर उठकर 20 किलो की पेटी में 34 किलो सेब डाल दिया जाता है। इसके चलते औसतन 11 किलो सेब एक पेटी में एक्स्ट्रा जाता है। इसमें लदानी और आढ़ती की मिलीभगत से बोली लगती है और सारा माल बिकने के बाद स्टोर में एक्स्ट्रा लेयर निकाल ली जाती है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर 2005 में अध्यादेश लाया था, जिसमें 2014 में जिसमें संशोधन कियर गया, लेकिन बाद में बिल विधानसभा में प्रस्तुत नहीं किया जा सका। अब बागवानों से राय के मुताबिक अगले विधानसभा सत्र में यह बिल लाया जाएगा।
इसके अलवा बागवानी मंत्री महेंद्र ठाकुर ने कहा कि हमने खुली नीलामी की व्यवस्था की है, हिमाचल में 23 मिनी प्रोसेसिंग यूनिट है और इनको सरकार ने 25 प्रतिशत सब्सिडी के साथ लोन दिया है।
ठाकुर ने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र में यदि कोई प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहता है तो उनका स्वागत है।
यही नहीं जिन बागवानों की 15 हजार से अधिक पेटियां निकलती है, वे अपना कोल्ड स्टोर बना सकते हैं, जिसके लिए सरकार आर्थिक सहायता करेगी। उन्होंने सदन में जानकारी दी कि 15 लाख के कोल्ड स्टोर के प्रोजेक्ट में 7 लाख सब्सिडी का प्रावधान है।