शिमला: गोधरा कांड और बाद में हुए दंगे भी देश और मानवता की आत्मा पर बड़ा कलंक, उस वक्त की सरकार से भी मानवता कर रही माफी का इंतज़ार।
लेकिन 1984 के दंगों की ही पुनरावृति रहा गोधरा कांड।
सता के इशारों पर दंगों और अत्याचारों में राजीतिक दलों के साथ प्रशासन और बचाने वालों का मिल जाना आज भी देश के लिए बड़ा खतरा ।
देश की सबसे साहसी और ताकतवर कौम सिख समुदाय के खिलाफ 1984 के दंगे आज भी यूं लगता है ताज़ा है और मानवता को शर्मसार कर रहें है। लेकिन सवसे बाद सवाल आज भी वी ही है कि आखिर ये कत्लेआम अचानक हुए थे या सत्ता के शिखर पर बैठे आकाओं के इशारों पर कौम के खिलाफ बदले की कार्यवाही का परिणाम रहा।