बीते रोज़ कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचल की जिला व प्रदेश कार्यकारिणीयों को भंग कर दिया है। हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर सारी कार्यकारिणी बदल दो हो। नई कार्यकारिणीयों का गठन कब होगा इसके बारे में कांग्रेस पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को भी जानकारी नही है। आलाकमान से भी कुलदीप राठौर को इस बारे में अभी किसी तरह के दिशानिर्देश नही मिले है। जिसको लेकर सियासी पारा गरमा गया है। इसी बीच कांग्रेस के नेताओं की दिल्ली दौड़ भी शुरू हो गई है।
शिमला में पत्रकारों से रूबरू कुलदीप राठौर ने कहा कि अब नए सिरे से कार्यकारिणीयों का गठन किया जाएगा। जिसमें मेहनती व संगठन को समझने वाले निष्ठावान लोगों को तरजीह दी जाएगी। राम लाल ठाकुर के दिल्ली जाने की खबरों पर कुलदीप राठौर ने कहा कि कोई भी नेता दिल्ली जा सकता हैं इसमें किसी को कोई आपत्ति नही होनी चाहिए। भाजपा में पत्रबम के सवाल पर रविन्द्र रवि का बचाब करते हुए राठौर ने कहा कि रवि भाजपा के वरिष्ठ नेता है कांग्रेस को उनकी अंदरूनी लड़ाई से कुछ नही लेना लेकिन उनके साथ सरकार का इस तरह का बर्ताब उचित नही है।
हिमाचल कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी किसी से छुपी नही है। गुटबाज़ी के चलते सुक्खू की जगह कुलदीप राठौर को हिमाचल की कमान सौंपी गई। लेकिन गुटबाज़ी खत्म नही हुई। सियासी गलियारों में गुटबाजी की खबरें आती रही। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को देशभर में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा । उपचुनाव में तो सुधीर शर्मा जैसे कांग्रेस के बड़े नेता भी पार्टी से बग़ावत कर बैठे ऐसे में कार्यकारिणी को भंग करने के बाद कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनोती दोवारा से संगठन को खड़ा करने की होगी।