चंदा व जूता पालिश से भरेंगे माननीयों की जेबें
शिमला : प्रदेश में सरकार से जुड़े माननीयों के वेतन भतते बढ़ाना सरकार के गले की फांस बन गई है। विधानसभा के मानसून सत्र में भले ही विपक्षी दल सरकार के हर प्रस्ताव में टांग फंसाता रहा, लेकिन बात जैसे ही सदस्यों के भत्ते बढ़ाने की आई तो कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार की हां में हां मिला दी। लिहाजा जनप्रतिनिधियेां के भत्ते बढ़ गए और यही मुद़दा अब सुशासन व पारदर्शिता के दावे करने वाली सरकार को पक्के मोल पड़ गया है। इस प्रस्ताव के सदन में प्रस्तुत व पारित होते ही कुछ सामाजिक कार्यकर्ता सरकार के फैसले का विरोध करने सड़कों पर उतर आए हैं।
हालांकि इसकी शुरुआत विधानसभा सत्र के अंतिम दिन से ही हो गई थी, जब सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार दलित अपने साथियों सहित कटोरा लेकर विधानसभा परिसर के बाहर ही भीख मांगने बैठ गए थे। अब यह मुहिम बाजारों में पहुंच गई है, जिसके चलते रवि कुमार ने मंत्री व विधायकों के लिए चंदा एकत्रित करने को 15 दिन का अभियान शुरु कर दिया है। उनका साफ कहना है कि यदि बढ़े भत्ते वापिस नहीं होते तो सरकार के खिलाफ जनांदोलन शुरु कर दिया जाएगा।
इस कड़ी में सोमवार को उन्होंने शिमला के रिज, माल रोड व लोअर बाज़ार में चंदा एकत्रित किया। 15 दिन बाद वह एकत्रित राशि को राज्यपाल के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे। उन्होंने कहा कि एक और पूरा राष्ट्र बदहाली के दौर से गुजर रहा है, बेरोजग़ारी बढ़ रही है और मंत्री व विधायक अपने भत्ते बढ़ा रहे हैं।
उधर, इसके खिलाफ दूसरे सामाजिक कार्यकर्ता कर्मचंद भाटिया लोगों के जूते पालिश करके माननीयों की जेबें भरने का प्रयास कर रहे हैं। भाटिया ने शिमला के सीटीओ के समीप लोगों के जूते पोलिश कर मंत्री व विधायकों के लिए धन एकत्रित किया। उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक मंदी है और हिमाचल प्रदेश पर भी कर्जे का बोझ बढ़ता जा रहा है, लेकिन विधायकों व मंत्रियों के भत्तों में बढ़ोतरी करके जनता पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है। उनका कहना था कि सरकार को युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने चाहिए, लेकिन यहां जनता से खिलवाड़ किया जा रहा है।