धर्मशाला :प्रदेश सरकार जिस इन्वेस्टर मीट को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है, वह वास्तव में दिशाहीन है । पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि सरकार ने जल्दीबाजी में बिना सोचे-समझे इन्वेस्टर मीट का आयोजन कर दिया। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर मीट पर कितना खर्च हुआ, इस पर सरकार श्वेत पत्र जारी करे, किन कार्यों पर कितना खर्च हुआ इसका विस्तृत ब्योरा दिया। बाली ने कहा कि भले ही सीएम जयराम ठाकुर की इन्वेस्टर मीट को लेकर निवेश लाने की सोच रही हो, लेकिन इसका सही मायने में मजाक बनकर रह गया। बाली ने कहा कि प्रदेश में 10 लाख बेरोजगार सड़क पर हैं, जो कि प्रदेश की कुल जनसंख्या का 15 फीसदी है। प्रदेश में सीमेंट महंगा है और आए दिन बिजली के कट लग रहे हैं। बाली ने कहा कि विडम्बना है कि करोड़ों रुपये विज्ञापन और प्रचार पर खर्च किए गए। अब तक सरकार 4 हजार करोड़ से ज्यादा के लोन ले चुकी है। अधिकारियों की टीम काम करती तो बेहतर होता, जबकि सरकार ने एक कंपनी को इसका कांट्रेक्ट दे दिया। इन्वेस्टर मीट पर हम खुली बहस को तैयार हैं। जीएस बाली ने कहा कि हम हिमालयन स्की विलेज ला रहे थे तो उस समय वर्तमान सीएम जयराम ठाकुर विधायक थे, तब उन्होंने कहा कि देवी-देवता नाराज हो जाएंगे, स्वीकृति लेनी होगी। बाली ने कहा कि अब इन्वेस्टर मीट के लिए भी देवी देवताओं की परमिशन ली गई थी या नहीं। दो साल में धर्मशाला ओर कांगड़ा को कुछ नहीं मिला। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की एसपीजी सुरक्षा को हटाने को गलत करार देते हुए बाली ने कहा कि कांग्रेस, केंद्र सरकार से इस निर्णय पर पुन: विचार का आग्रह करेगी। पूर्व मंत्री ने अयोध्या मामले को लेकर आए फेसले पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया